स्मार्ट सिटी मिशन पर टिप्पणी – Smart City Mission in Hindi | PM Modi

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Smart City Mission

स्मार्ट सिटी मिशन – केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 25 जून, 2015 को घोषित 100 स्मार्ट सिटी विकसित करने वाली परियोजना ‘स्मार्ट सिटी मिशन (Smart City Mission)‘ के तहत 100 में से 98 शहरों की सूची 27 अगस्त, 2015 को जारी की। इस परियोजना के लिए उत्तर प्रदेश और जम्मू-कश्मीर के एक-एक शहर का नाम अभी तय नहीं हुआ है।

उत्तर प्रदेश में सिटी चैलेंज प्रतियोगिता के तहत मेरठ और रायबरेली दोनों को बराबर अंक मिले थे। अब उत्तर प्रदेश सरकार को तय करना है कि वह किस शहर को चुने। इसके बाद इस सूची में सबसे अधिक उत्तर प्रदेश के 13 शहर हो जाएंगे, जो फिलहाल 12 हैं। जम्मू-कश्मीर से अपनी पसंद का शहर तय करने के लिए समय मांगा है। मुंबई, कोलकाता, बेंगलुरु और पटना समेत नौ राजधानी शहरों को छोड़कर शेष 24 राजधानियों (राज्य एवं केंद्र शासित प्रदेशों की) को सरकार ने इस सूची में जगह दी है। इस सूची के जारी होने के साथ ही स्मार्ट सिटी मिशन का पहला चरण पूरा हो गया। दूसरे चरण में होने वाली प्रतिस्पर्धा में इन 98 शहरों में से 20 शहरों का चयन किया जाएगा।

यह प्रक्रिया दिसंबर, 2015 तक पूरी कर ली जाएगी तथा चयनित 20 शहरों में जनवरी, 2016 से कार्य शुरू कर दिया जाएगा। केंद्र सरकार प्रत्येक शहर को 500 करोड़ रुपये देगी अर्थात् पहले वर्ष 200 करोड़ रुपये और फिर अगले तीन वर्ष में प्रति वर्ष 100 करोड़ रुपए दिए जाएंगे। केंद्र सरकार 100 स्मार्ट सिटी (Smart City Mission) के लिए आगामी पाँच वर्षों में 48 हजार करोड़ रुपये खर्च करेगी। राज्य सरकारें और स्थानीय निकाय भी इतना ही पैसा लगाएंगे।

सरकारी योजना

केंद्र सरकार केवल फंडिंग व मॉनीटरिंग करेगी। राज्य सरकार और नगर निगम को मिलकर स्पेशल पर्पज व्हीकल कंपनी बनानी होगी, जो स्मार्ट सिटी के लिए कार्य करेगी। स्मार्ट सिटी डेवलपमेंट प्लान तैयार करने के लिए सभी चयनित शहरों को दो-दो करोड़ रुपये केंद्र सरकार द्वारा जारी कर दिए गए हैं।

“विभिन्न राज्यों से चयनित स्मार्ट शहरों (Smart City) की संख्या

  • उत्तर प्रदेश-12,
  • तमिलनाडु -12,
  • मध्य प्रदेश – 7,
  • गुजरात – 6,
  • कर्नाटक-6,
  • पश्चिम बंगाल-4,
  • बिहार-3,
  • आंध्र प्रदेश – 3,
  • पंजाब – 3,
  • छत्तीसगढ़-2,
  • हरियाणा-2,
  • तेलंगाना-2,
  • ओडिशा-2,
  • तथा अन्य सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों से 1-1 शहर।

उत्तर प्रदेश से चयनित 12 शहर :- लखनऊ, आगरा, बरेली, रामपुर, अलीगढ़, झांसी, सहारनपुर, मुरादाबाद, कानपुर, इलाहाबाद, वाराणसी और गाजियाबाद।

बिहार से चयनित तीन शहर :- मुजफ्फरपुर, भागलपुर और बिहार शरीफ। राजस्थान से चयनित 4 शहर-जयपुर, उदयपुर, कोटा, अजमेर।

मध्य प्रदेश से चयनित 7 शहर :– भोपाल, इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर, सागर, सतना, उज्जैन

दिल्ली से चयनित शहर :- नई दिल्ली नगर निगम

देश के चिन्हित शहरों को स्मार्ट बनाए जाने की दिशा में नीति आयोग ने 2 सितंबर, 2015 को विज्ञान, तकनीक एवं नीति अध्ययन केंद्र (CSTEP) की ओर से रिपोर्ट जारी की। इस रिपोर्ट में छह सूत्रों पर स्मार्ट शहरों की परिभाषा तय की गई है, जो अर्थव्यवस्था, गतिशीलता, पर्यावरण, लोग, रिहाइश और प्रशासन पर आधारित है। नीति आयोग राज्य सरकारों के लिए इस मामले में एक सेतु का काम करेगा और इन चुनौतियों का हल विभिन्न पहलुओं पर दिलाएगा।

केंद्र सरकार के अनुसार स्मार्ट सिटी यानी ऐसा शहर जहाँ मूलभूत आधारभूत संरचना हो और नागरिकों को उच्च गुणवत्ता का जीवन उपलब्ध हो। ऐसे शहर में स्वच्छ और दीर्घकालिक पर्यावरण होगा और स्मार्ट सेवाएं उपलब्ध होंगी। आधारभूत संरचना के तहत 24 घंटे पानी और बिजली उपलब्ध होगी, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन जैसी सैनिटेशन सुविधा होगी, सक्षम सार्वजनिक परिवहन की सुविधा होगी। गरीबों को किफायती आवास उपलब्ध होगा, आसपास के इलाकों में अच्छी और तेज कनेक्टिविटी होगी तथा ई-गवर्नेस में नागरिकों का भी भागीदारी होगी। स्मार्ट सिटी के अंदर रहने वालों को अपनी आमदनी के लिए उस इलाके से अधिक दूर नहीं जाना पड़ेगा।

स्मार्ट सिटी के लिए तय कुछ मानक (Some standards set for smart city)

Smart City Mission

  1. परिवहन – एक स्थान से दूसरे स्थान जाने का अधिकतम समय 45 मिनट हो। फुटपाथ की चौड़ाई 2 मीटर हो। आवासीय क्षेत्रों से 800 मीटर की दूरी पर बस या मेट्रो की सुविधा हो।
  2. रहवास – 95 प्रतिशत आवासीय क्षेत्र ऐसे हों जहां 400 मीटर से भी कम दूरी पर स्कूल और पार्क मौजूद हों। आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए निम्नतम 20 प्रतिशत आवास हों। कम से कम 30 प्रतिशत आवासीय और व्यावसायिक क्षेत्र बस या मेट्रो स्टेशन से 800 मीटर की दूरी के दायरे में हों।
  3. बिजली और पानी –  सप्ताह में सातों दिन 24 घंटे पानी और बिजली की आपूर्ति हो । 100 प्रतिशत घरों में बिजली और पानी का कनेक्शन हो तथा सभी कनेक्शनों में मीटर लगा हो। प्रति व्यक्ति कम से कम 135 लीटर पानी की आपूर्ति हो ।
  4. कनेक्टिविटी – 100 प्रतिशत घरों तक वाई-फाई कनेक्टिविटी हो। 100 एमबीपीएस की स्पीड वाई-फाई पर मिले
  5. स्वास्थ्य – एक लाख की आबादी पर 30 बिस्तरों वाला छोटा अस्पताल, 80 बिस्तरों वाला मध्यम अस्पताल और 200 बिस्तरों वाला बड़ा अस्पताल हो । प्रत्येक 15 हजार लोगों पर एक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र हो। इमरजेंसी रिस्पांस टाइम 30 मिनट से अधिक न हो।
  6. शिक्षा – शिक्षा संस्थान के लिए स्मार्ट सिटी का 15 प्रतिशत क्षेत्र हो। प्रत्येक 2500 लोगों पर एक प्री-प्राइमरी, प्रत्येक 5000 लोगों पर एक प्राइमरी, प्रत्येक 7500 लोगों पर एक सीनियर सेकंडरी और प्रत्येक एक लाख की आबादी पर पहली से 12वीं कक्षा तक का एक इंटिग्रेटेड स्कूल हो ।

Smart city Details PDF

विश्लेषण : उद्देश्य – Smart City Mission

स्मार्ट सिटी मिशन (Smart City Mission) का उद्देश्य शहर में भूमि के बेहतर उपयोग से लेकर पैदल चलने की सुरक्षित एवं आरामदायक व्यवस्था करना, सभी बाशिंदों के लिए आवास बनाना, पार्क- खेल के मैदान, मनोरंजन की सर्वसुलभ सुविधाएँ तैयार करना, विभिन्न प्रकार के परिवहन विकल्प उपलब्ध कराना, इंटरनेट की सस्ती सेवा देना तथा चुस्त बुनियादी ढांचा तैयार करना है।

कुल मिलाकर उद्देश्य इन शहरों को एक विशेष पहचान देना है, जिससे वे दूसरे नगरों के लिए मॉडल बन सकें। स्वतंत्रता के बाद नेहरूवादी सोच के तहत शहर और उद्योग को केंद्र बनाकर ही देश के विकास की नीति तैयार की गई थी। शहरों को बेहतर बनाना प्रकारांतर में भारत में भविष्य को संवारने से जुड़ा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे अपनी सरकार का प्राथमिकता बनाया, यह स्वागत योग्य है। हालांकि स्मार्ट सिटी परियोजना की सफलता राज्य सरकारों के उत्साह और सक्रिय भागीदारी पर ही निर्भर है।

इसलिए यह सवाल अहम है कि क्या केंद्र सरकार सभी राज्य सरकारों में समान उद्देश्य भावना उत्पन्न कर पाएगा। इस व्यापक योजना पर काम होना बहुत अच्छी बात है, लेकिन इसमें कठिनाइयां भी बहुत हैं। इसके लिए कई सरकारी नियम बदलने होंगे, ताकि शहरी जमीनी का कारोबार साफ-सुथरा हो सके और जमीन सहज उपलब्ध हो। कई सुविधाओं का निजीकरण करना होगा और यह भी सुनिश्चित करना होगा कि निजीकरण में सार्वजनिक लाभ प्राथमिक हो, भ्रष्टाचार नहीं। इसके लिए राजनीतिक आम सहमति भी आवश्यक है। शहरों को बेहतर बनाने की योजना अर्थव्यवस्था को बहुत आगे ले जा सकती है। शहरों का स्मार्ट बनाना सिर्फ बुनियादी ढांचे और तकनीकी सुविधाओं से जुड़ा प्रश्न नहीं है।

इसका संबंध लोगों की सामाजिक – आर्थिक स्थितियों से भी है। स्मार्ट शहरों को स्मार्ट लोगों की भी आवश्यकता होगी। मगर स्मार्ट बनना लोगों की इच्छा पर निर्भर नहीं करता। यह आर्थिक संसाधनों, शिक्षा और उपलब्ध सुविधाओं पर निर्भर करता है। अतः सरकार को सभी शहरों तथा पूरे देश को स्मार्ट बनाने की सजग्र सोच से प्रेरित होना होगा। ऐसी सोच के साथ स्मार्ट सिटी की यह योजना शहरों को ही नहीं, पूरे देश को बदल सकती है

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